कण कण में नारायण जन जन में श्रीराम प्राणों में माँ जानकी मन में बसे काशी धाम….
मानव कल्याण और जनसेवा की परंपरा को आगे बढ़ाने और भक्तों का कष्ट हरने भगवान खुद इस धरती पर नहीं विराजते बल्कि अपने किसी दूत को भेजते हैं। जब प्रभु की असीम कृपा बरसती है तो वही साधक संकल्पित हो समाज के कष्टों को दूर करने के लिए सभी सुखों को त्याग कर आगे आता है ये गुरु कृपा की हीं देंन है….
साधिका विदुषी जी गुरु कृपा के आशीर्वाद से काशी वाराणसी शाश्वत कल्प कुंज केन्द्र से सभी श्रधालुओं, साधकों, भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा, साधना, ध्यान, योग, प्राणायाम आपकी सभी मानसिक शारीरिक स्वस्थता को परिपुण रूप से सेवा देने में साधिका विदुषी जी तत्पर रहतीं हैं, उनकी दिव्यवाणी का श्रवण और उनकी हर तरह की साधक के रुचि अनुसार सरल साध्य साधना का सुनहरा अवसर साधक प्रदान करते रहते हैं ।
काशी वाराणसी के दिव्य भूमि में हीं इनका जन्म स्थान रहा, इन्होंने अपने माता पिता के दिव्य आध्यात्मिक संस्कार के प्रभाव के कारण और गुरुदेव के असीम कृपा करुणा के कारण हीं परम पूज्य गुरुदेव युग दृष्टा, तपोनिष्ट, वेद मूर्ति, श्रीराम शर्मा आचार्य से 10 वर्ष के उम्र में हीं दीक्षा ग्रहण की पिता का नाम बृजनंदन और माता का नाम नगीना देवी परिवार से जन्मे आज समाज सेवा के लिए संकल्पित हैं शिक्षा भी काशी जैसे दिव्य भूमि से हीं रहा अपनी तप साधना से पहले उन्होंने अपने को तपाया जागृत हो समाज को जगाने का संक्लप लिया ।
साधिका विदुषी को अपने गुरु का सानिध्य प्राप्त हुआ और गुरु के आशिर्वाद और आदेश से अपने गुरु के ज्ञान को जन जन में फैलाने की वीणा उठायीं।
जनकल्याण और समाज कल्याण के कार्यों के क्रम में जिस तरह से मानव जाति का कल्याण होता आया है, इसके लिए युगों युगों तक गुरुदेव के संकल्प और उनकी कीर्ति याद रखी जाएगी। अपने लिए न जी कर दूसरों के लिए जीये, दूसरों के लिए कुछ करने के संकल्प के साथ अपना पूरा समय मानवता की सेवा में दे, ऐसे महापुरुष संत को बारम बार नमन…
साधिका विदुषी जी का एक बहुत ही उत्कृष्ट व्यक्तित्व हैं जो गरीब, बेसहारा और अनाथ बच्चों की सेवा करने में समर्पित हैं। उन्होंने अपने समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में प्रयत्नरत् है, उनका मुख्य लक्ष्य है कि समाज के हर व्यक्ति को उनके अधिकार और सम्मान का आनंद लेना चाहिए, इन्हें समर्पण और सेवा के प्रति गहरी लगाव है, साधिका विदुषी का कहना है कि मानवीय सेवा से समाज में बड़ा परिवर्तन आता है।
साधिका विदुषी जी, करुणा के प्रतिमूर्ति हैं, जो गरीब, बेसहारा और अनाथ बच्चों की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। उन्होंने एक मानवीय संगठन शुरू किया है जो उन बच्चों को शिक्षा, आहार, स्वास्थ्य सेवाएं, और प्यार प्रदान करता है जो समाज के सबसे निराधार वर्ग से संबंधित हैं।
ऐसे प्रयासों से एक नया आश्रय और एक नया जीवन मिलता है।
साधिका विदुषी जी का समर्पण और सेवाभाव एक प्रेरणास्त्रोत है जो हमें सिखाता है कि अपने समाज के लिए कैसे महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। उनकी सेवाओं के माध्यम से, वे एक उदाहरण स्थापित करती हैं कि हम सभी किसी के लिए कुछ कर सकते हैं और समृद्ध समाज की दिशा में साथ मिलकर चल सकते हैं।…..